ABN : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 सितंबर से देश में स्कूल व स्किल ट्रेनिंग सेंटर्स खोले जाने की अनुमति दे दी है। फिलहाल 9वीं से 12वीं कक्षा तक के लिए स्कूल खोले जाने की अनुमति दी गई है। मंत्रालय ने इसके लिए विस्तृत गाइडलाइंस / स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी की है।इस एसओपी में सरकार ने बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच किस तरह स्कूल-कॉलेज खोले जाएंगे। संस्थानों, विद्यार्थियों व अभिभावकों को किन बातों का ख्याल रखना होगा।शैक्षणिक संस्थान खुलने की यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी होगी। में स्कूल खुलने के पहले, खुलने के बाद अपनाए जाने वाले सुरक्षा मानदंडों का जिक्र किया गया है। यहां आपको सरकार द्वारा जारी एसओपी के अहम बिंदु बताए जा रहे हैं।
सरकार ने एसओपी को कई भागों में बांटा है। इनमें से एक है सामान्य सुरक्षा मानदंड। इसके अंतर्गत वे नियम हैं जिनका स्कूल के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों को पालन करना है –
एक दूसरे से 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी।फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य है।हाथ भले ही आपको गंदे न दिखें, फिर भी समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना (कम से कम 40-60 सेकंड) जरूरी है। समय-समय पर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल (कम से कम 20 सेकंड) जरूरी है।छींकते, खांसते समय मुंह व नाक को टिशु, रुमाल या कोहनी से ढकना अनिवार्य है।अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहेंगे। किसी भी तरह बीमार महसूस करने पर तुरंत संबंधित अधिकारी को सूचित करना होगा।कैंपस में कहीं भी थूकना पूरी तरह वर्जित होगा।जहां संभव हो आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल करना होगा।
सिर्फ उन्हीं स्कूलों को खुलने की इजाजत है जो कंटेनमेंट जोन में नहीं हैं। इस जोन से बाहर स्थित स्कूलों में भी उन शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा जो कंटेनमेंट जोन में रहते हैं। वहीं, स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स, टीचर्स व स्टाफ को भी कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्रों में जाने की अनुमति नहीं होगी।कैंपस में गतिविधि वाले सभी क्षेत्रों को 1% सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन के साथ अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाएगा।9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के पास घर बैठे वर्चुअल/ऑनलाइन मोड पर या अभिभावक की लिखित अनुमति से शिक्षकों के मार्गदर्शन में अपनी इच्छानुसार स्कूल जाकर क्लासेस अटेंड करने का विकल्प रहेगा।कहीं भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस नहीं लिया जाएगा। इसकी जगह कॉन्टैक्टलेस अटेंडेंटस के तरीके अपनाने होंगे।फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो, इसके लिए जमीन पर 6-6 फीट की दूरी पर घेरे बनाए जाएंगे। स्टाफ रूम, क्लासरूम ऑफिस एरिया, मेस/कैंटीन, लाइब्रेरी, रिसेप्शन हर जगह फिजिकल डिस्टेंसिंग का नियम मानना होगा।किसी तरह की असेंबली, स्पोर्ट्स एक्टिविटी या अन्य ईवेंट्स प्रतिबंधित रहेंगे। स्विमिंग पूल बंद रहेंगे। जिम स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार संचालित होंगे।किसी तरह के आपातकाल के लिए स्कूलों को कैंपस में जगह-जगह स्टेट हेल्पलाइन नंबर और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के कॉन्टैक्ट नंबर डिस्प्ले करने होंगे।
एसी या वेंटिलेशन के मामले में CPWD के दिशानिर्देश मानने होंगे। जिसके अनुसार, एसी का तापमान 24 से 30 डिग्री के बीच, रिलेटिव ह्यूमिडिटी 40 से 70 फीसदी के बीच होना चाहिए। क्रॉस वेंटिलेशन की सुविधा होनी चाहिए ताकि ताजी हवा प्रवाहित हो सके।बुजुर्ग कर्मचारी, गर्भवति और स्वास्थ्य समस्याओं वाले कर्मचारियों को किसी तरह के फ्रंटलाइन काम नहीं दिए जाएंगे। यानी ऐसे कर्मचारी ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिसमें उन्हें स्टूडेंट्स के साथ डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में जाना पड़े।प्रबंधन को फेस कवर्स, मास्क, हैंड सैनिटाइजर्स, थर्मल गन्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट, साबुन/हैंडवॉश, डिस्पोजेबल पेपर टॉवल्स, पल्स ऑक्सीमीटर, ढके हुए डस्बिन्स, आदि का पर्याप्त स्टॉक रखना होगा। सफाई कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देकर तैयार करना होगा।एंट्री और एग्टिक के लिए अलग-अलग दरवाजों का प्रयोग कराना होगा। कैंपस के एंट्री गेट पर सैनिटाइजर रखना और हर किसी की थर्मल स्क्रीनिंग करना जरूरी है। अगर किसी में लक्षण पाए जाते हैं तो उसे कैंपस में प्रवेश नहीं दिया जाएगा और तुरंत नजदीकी हेल्थ सेंटर में भेजा जाएगा।
जगह-जगह कोविड-19 से सुरक्षा के उपाय दर्शाते हुए पोस्टर व स्टैंडी लगाने होंगे। पार्किंग, कॉरिडोर, लिफ्ट जैसी जगहों पर भीड़ का उचित प्रबंधन करना होगा। कैंपस में विजिटर्स की एंट्री प्रतिबंधित होगी।हर कुर्सी-टेबल के बीच 6 फीट की दूरी रखनी होगी। भीड़ कम रखने के लिए अलग-अलग टाइम स्लॉट्स में कक्षाएं संचालित करनी होंगी। स्टूडेंट्स के बीच किसी भी तरह के स्टेशनरी आइटम, वॉटर बॉटल या लंच बॉक्स शेयर करने की अनुमति नहीं होगी।#SHARE#COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।