ABN : प्रदेश के 498 बीएड कॉलेजों में अब निरीक्षण हर वर्ष की बजाय पांच वर्ष में एक बार होगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त प्रदेश के सभी बीएड कॉलेजों के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है।इससे जहां कॉलेजों का खर्च बचेगा। वहीं, कॉलेजों द्वारा इंस्पेक्शन कमेटियों पर समय-समय पर लगने वाले आरोपों से भी छुटकारा मिलेगा। विश्वविद्यालयों की इंस्पेक्शन कमेटी पहले बीएड कॉलेजों में हर वर्ष निरीक्षण करती थी। इसके लिए कॉलेजों को मोटी फीस भी चुकानी पड़ती थी। बीएड कॉलेजों में दाखिले और परीक्षाओं को लेकर भी अनिश्चितताएं खत्म हो गई हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा हाल में जारी पत्र के अनुसार बीएड कॉलेजों के विद्यार्थियों की परीक्षाओं को लेकर वही फैसला लागू होगा, जो अन्य कोर्सों में लागू किया जा रहा है।इसके साथ ही बीएड कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया सितंबर में शुरू की जाएगी। दाखिले के लिए इस बार पहली और दूसरी काउंसिलिंग संबद्ध विश्वविद्यालय करेगा और इसके बाद खाली बची सीटों पर काउंसिलिंग कॉलेज स्वयं करेंगे। बता दें कि जिले में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से संबद्ध 25 से अधिक बीएड कॉलेज हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग ने बीएड कॉलेजों के लिए एक अलग पोर्टल बनाया है। कॉलेजों को इस पोर्टल पर कॉलेज से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित पूरी जानकारी हर वर्ष अपलोड करनी होगी। यही नहीं, यही जानकारी कॉलेजों को संबद्ध विश्वविद्यालयों को भी देनी होगी। इसके अलावा विभाग ने सभी कॉलेजों को निर्धारित उच्च योग्यता वाले शिक्षकों को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं, जिनकी योग्यता नेट, पीएचडी या एनसीटीई के अनुसार होगी। हर वर्ष कॉलेज की इंस्पेक्शन भ्रष्टाचार को जन्म दे रही थी, जो खत्म हो गया है। दूसरा, शिक्षकों के चयन को लेकर पहले विश्वविद्यालय से कई प्रोफेसर आते थे, लेकिन अब सिर्फ एक ही नॉमिनी आएगा और तीसरा बड़ा फैसला यह है कि तीनों काउंसिलिंग विश्वविद्यालय के द्वारा की जाने की बजाए 2 काउंसिलिंग विश्वविद्यालय करेगा और खाली बची सीटों पर तीसरी काउंसलिंग कॉलेज स्वयं करेंगे। सरकार के तीनों ही फैसले स्वागत के योग्य हैं और इसका प्रदेश के सभी 498 कालेजों को फायदा होगा। - डॉ. एसवी आर्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इंडिया बीएड कॉलेज एसोसिएशन।SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।