ABN : हरियाणा में हुए रजिस्ट्री घोटाले में अब पुरानी परतें भी खुलेंगी। देर से ही सही, लेकिन सरकार अब यह जान चुकी है कि रजिस्ट्रियों में बड़ा ‘गोलमाल’ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट द्वारा लगभग तीन साल पहले कानून में किए बदलाव की वजह से हुआ है। खुद सरकार ने ही नियमों में बदलाव किया था, जिसकी आड़ में प्रदेशभर में गैर-कानूनी तरीके से रजिस्ट्री हुईं। अब सरकार ने पिछले तीन वर्षों में हुई रेजिस्ट्रियो की जांच के आदेश दिए हैं।
पिछले दिनों तहसीलों में गलत तरीके से रजिस्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद सरकार ने लॉकडाउन पीरियड के बाद हुई रजिस्ट्रियों की कई जिलों में जांच करवाई थी। गुरुग्राम व सोनीपत में कई अधिकारियों पर केस भी दर्ज हुए हैं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास है तो राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला के पास है। सीएम के साथ विचार-विमर्श के बाद दुष्यंत ने सभी जिलों में अप्रैल-2017 से 31 दिसंबर, 2019 तक की रजिस्ट्री की जांच के आदेश दिए हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन की ओर से इस संदर्भ में आदेश जारी किए गए हैं। सभी मंडलायुक्तों ने उनके अधीन आने वाले जिलों के डीसी को पत्र जारी करके रिपोर्ट मांगी है। मंडलायुक्तों द्वारा यह रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। राज्य सरकार ने 3 अप्रैल, 2017 को हरियाणा डेवलपमेंट एंड अर्बन रेगुलेशन एक्ट-1975 के नियम-7ए में बदलाव किया था। बदलाव में खाली जमीन शब्द को हटाकर एग्रीकल्चर किया गया था और ढाई एकड़ की बजाय दो कनाल कर दिया था। बदलाव से पहले अर्बन एरिया में रजिस्ट्री के लिए ढाई एकड़ से कम भूमि के मामलों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) लेना अनिवार्य था। संशोधन के बाद दो कनाल यानी 1000 वर्गगज से कम जमीन के मामले में एनओसी अनिवार्य कर दी गई। प्रॉपर्टी डीलरों ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग व रेवन्यू अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके नियम-7ए का गलत तरीके से फायदा उठाया। रजिस्ट्री के सैकड़ों ऐसे मामले हैं, जिनमें कह दिया गया कि इनमें एनओसी की जरूरत नहीं है। इसी तरह से खाली जमीन पर गैर-मुमकिन मकान दिखाकर भी रजिस्ट्री हुई। जांच के आदेश के बाद दोनों विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
सरकार ने सभी डीसी से नियम-7ए के उल्लंघन से जुड़े मामलों की ही रिपोर्ट तलब की है। जिला उपायुक्तों को कहा गया है कि वे अपने जिले की पूरी रिपोर्ट दें ताकि सरकार उसके हिसाब से कार्रवाई कर सके। इससे पहले लॉकडाउन के बाद हुई रजिस्टि्रयों के मामलों में गुरुग्राम के मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट के बाद सरकार एक तहसीलदार व छह नायब तहसीलदार को सस्पेंड कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा चुकी है। इसी तरह से सोनीपत में भी एक्शन हुआ है।
सरकार की पाबंदियों के बावजूद राज्य में बड़ी संख्या में अवैध काॅलोनी काटी गई हैं। प्रदेश के अधिकांश शहरों में ये काॅलोनी काटी हैं। इनमें स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरों व काॅलोनाइजरों के अलावा नेताओं की भी मिलीभगत है। अवैध काॅलोनियों के अलावा अवैध तरीके से हुई रजिस्टि्रयों के मामलों में हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी गाज गिर सकती है।
"तहसीलों में रजिस्ट्री का सिस्टम पारदर्शी होगा। नया सॉफ्टवेयर बनाया है और ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन की 17 अगस्त फिर रजिस्ट्री शुरू होगी। इसी दिन शहरों में रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट मिलनी शुरू होगी। अर्बन एरिया एक्ट के नियम-7ए में हुई अनियमितताओं को लेकर रिपोर्ट तलब की है।" -दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम#SHARE#COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।