2 दिन की बच्ची को डॉक्टरों ने किया मृतक घोषित , अंतिम संस्कार पर ले जाते वक़्त जिंदा हुई बच्ची
मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है | वही होता है जो मंजूर ए खुदा होता है | ये मिसाल तो आपने सुनी ही होगी | साथ ही आपने ये भी सुना होगा की कोई अगर मर जाए तो वह कभी लोट के नहीं आता है | लेकिन ऐसा एक करिश्मा भिवानी में देखने को मिला है | बता दें कि महेन्द्रगढ ज़िला के झांडली गाँव निवासी बलराम शर्मा की पत्नी ने महेन्द्रगढ के निजी अस्पताल में 12 जनवरी की अल सुबह एक बच्ची को जन्म दिया |अगले दिन बच्ची की ज़्यादा तबियत बिगड़ गई | 2 दिन की बच्ची की तबियत ज्यादा खराब होने पर परिजनों ने बच्ची को 7 8 अस्पतालों में ले कर गए | पर सभी डाक्टरों ने तबियत ज्यादा गंभीर होने के कारण जवाब दे दिया | बच्ची के परिजन निराश हुए और बच्ची की मिटटी के लिए चल दिए | बच्ची को मिटटी के लिए ले जाते समय बच्ची की धड़कने चलने लगी | और फिर बच्ची को भिवानी के सरकारी अस्पताल में ले कर गए तो डाक्टरों की मेहनत और परिजनों की दुआ रंग लाई और बच्ची को एक नया जीवन मिला |
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।