हरियाणा रोडवेज को डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से एक महीने में लगभग 100 करोड़ रुपये का घाटा होने का अंदेशा है। कीमतें अगर और बढ़ीं तो इसमें इजाफा होगा। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में रोडवेज को पहले ही अरबों रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है। अभी तक अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू नहीं हो पाई है। केस लगातार बढ़ने के कारण पड़ोसी राज्य बसों के आवागमन को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। साढ़े 3 करोड़ की रोजाना रिसीट 5 से 7 लाख तक सिमट गई है। डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से रोडवेज को और राजस्व घाटा होगा। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने केंद्र सरकार से रोडवेज को आर्थिक पैकेज देने की मांग की है। कमेटी पेट्रो पदार्थों की कीमतों में निरंतर बढ़ोतरी का विरोध करेगी। 26 जून को सभी डिपो पर प्रदर्शन कर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे। कमेटी के वरिष्ठ नेता इंद्र सिंह बधाना, दलबीर किरमारा, अनूप सहरावत, सरबत सिंह पूनिया, आजाद सिंह गिल व दिनेश हुड्डा ने कहा कि पेट्रोल व डीजल के दामों में बेशुमार बढ़ोतरी से परिवहन उद्योग तबाह होने के कगार पर है। आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ेगी। बढ़ी हुई कीमतें तुरंत वापस ली जाएं।उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में भारी कटौती का फायदा सरकार परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों व किसानों को देने के बजाय तेल कंपनियों को दे रही है। कमेटी नेताओं ने बताया कि आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर रोडवेज कर्मचारी 26 जून को प्रदर्शन कर महाप्रबंधकों के माध्यम से पेट्रोलियम मंत्री को ज्ञापन भेजेंगे।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।