हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए चीनी कंपनियों के ठेके निरस्त कर दिए हैं। प्रदेश में दो चीनी थर्मल कंपनियों को थर्मल पावर स्टेशन में ठेके दिए गए थे। यमुनानगर और खेदढ़ थर्मल प्लांट के लिए चीनी कंपनियों ने भी आवेदन किया था और दोनों कंपनियों ने बोली में बाजी मारी थी।हरियाणा पावर जनरल कारपोरेशन लिमिटेड ने यह बिड आमंत्रित की थी। अब सरकार ने इस मामले में फैसला लेते हुए दोनों ठेकों को ही निरस्त कर दिया है। अब नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी) की तर्ज पर भारतीय कंपनियों को आगामी ठेकों में प्राथमिकता दी जाएगी।सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नए पर्यावरण नियमों के तहत थर्मल प्लांट के इंस्टॉलेशन में पॉल्यूशन कंट्रोल इक्विपमेंट्स को प्राथमिकता दिए जाने के लिए कहा है। खेदढ़ के लिए 539 करोड़ रुपये और यमुनानगर के लिए 282 करोड़ रुपये के टेंडर दिए गए थे।सरकारी प्रवक्ता ने बताया इसी के चलते टेंडर निकाले गए थे। इसके अंतर्गत यमुनानगर थर्मल पावर स्टेशन के लिए 5 आवेदन आए थे। जिसमें से तीन चीनी कंपनियों के आवेदन थे। इनमें से दो स्वदेशी आवेदक थे, जोकि चीन की फर्मों के साथ संबद्ध है। इसी तरह से खेदढ़ में भी तीन कंपनियों ने भाग लिया था। इसमें से दो चीनी कंपनियां थीं। सभी चीनी कंपनियों का खाता बंद कर दिया गया है। सरकार ने उनके टेंडर रद्द कर दिए हैं। अब वही बोली दाता शामिल हो सकेंगे जो भारत से संबंध रखते हैं।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।