हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 संक्रमित मरीजों की देखभाल में लगे एनएचएम के डॉक्टरों व नर्सों का आइसोलेशन क्वारंटीन अवधि का वेतन काट लिया है। इससे उनमें नाराजगी है। संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने के कारण डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ को क्वारंटीन करना पड़ता है, इस अवधि का वेतन नहीं काटा जा सकता। गुरुग्राम व मेवात सहित अन्य कई जिलों में एनएचएम में लगे डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों का वेतन काटने के मामले सामने आ रहे हैं।डॉक्टर सुनीता जैन सीएचओ पीएचसी ऊजीना, मेवात का (21 अप्रैल से 4 मई) 14 दिन, प्रियंका स्टाफ नर्स, सामान्य अस्पताल, गुरुग्राम का (11 से 31 मई) 21 दिन, पूनम स्टाफ नर्स, आइसोलेशन वार्ड गुरुग्राम का (27 अप्रैल से 22 मई) 27 दिन, स्मिता स्टाफ नर्स, एसएनसीयू जीएच गुरुग्राम का (13 से 31 मई) 19 दिन और कुलदीप काउंसिलर जीएच गुरुग्राम का (27 से 28 मई) 2 दिन का वेतन काट लिया गया है।सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभाग के भेदभावपूर्ण व्यवहार से एनएचएम के तहत तैनात डॉक्टरों, नर्सों, आशा वर्करों व अन्य स्टाफ में रोष बढ़ रहा है।एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रिहान रजा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनके साथ किए जा रहे भेदभाव को दूर करते हुए काटा गया वेतन वापस नहीं किया गया व लंबित समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो एनएचएम कर्मचारियों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि डबल वेतन न लेने और करीब 2 हजार यूनिट रक्तदान करने वाले एनएचएम में लगे डॉक्टरों, नर्सों व अन्य पदों पर सालों से तैनात स्टाफ के अनुबंध नवीनीकरण के लिए बेंचमार्क की शर्तें लगाई गई है, जो महामारी में फ्रंटलाइन पर काम करने वाले इन कोरोना योद्धाओं के साथ अन्याय है।एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 5 दिसंबर 2017 से 14 दिसंबर 2017, 25-26 अक्टूबर 2018, 5 फरवरी 2019 से 27 फरवरी, 2019 तक कुल 35 दिन की हड़ताल की थी। उन्होंने इस अवधि को ड्यूटी पीरियड मानते हुए वेतन जारी करने की मांग की है।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।