हरियाणा सरकार पर चित्रा सरवारा ने उठाए सवाल - कहा हरियाणा में घोटाले उच्चस्तरीय हो रहे हैं तो जांच उच्चस्तरीय क्यूँ नहीं?
हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट की राष्ट्रीय महासचिव चित्रा सरवारा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हरियाणा कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर राजस्व विभाग में 52 महीनों में लगभग 64 हजार 5 सौ रजिस्ट्रियों में अनियमितता से लगभग 3000 करोड़ रूपए रिश्वत लेने के गंभीर आरोपों ने भाजपा सरकार की ईमानदारी के दावों पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
एक बार फिर फ्रंट की मांग है कि इस मुद्दे की भी निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच हो जिससे सभी संलिप्त पार्टियों का खुलासा हो और जनता को उनकी पाई-पाई का हिसाब मिल सके।
उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राजस्व विभाग में रजिस्ट्रियों के साथ-साथ मैरिज सर्टिफिकेट, एनओसी, इंतकाल में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा कर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
प्राइवेट लोगों से निशानदेही करवाने के लिए 15 से 20 हजार रूपए रिश्वत के वसूले जाते हैं। पत्र में आईएएस अधिकारी ने पूरे विस्तार से भ्रष्टाचार करने का वर्णन करते हुए कहा है कि कैसे रिश्वत लेने के लिए अपनाए नए-नए रास्ते संगठित अपराध की ओर साफ़ इशारा कर रहे है। यहाँ तक कि अधिकारी ने सीएम विंडो पर भी सवालिया निशान लगाते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। चित्रा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार की नजर के नीचे खुल कर भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारी द्वारा राजस्व विभाग में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से करवाई जानी चाहिए ताकि दोषियों का पर्दा फाश हो और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
चित्रा ने कहा की अम्बाला छावनी भी घोटालो का हब बन गया है चाहे फूटबाल स्टेडियम का घोटाला हो, सिविल हॉस्पिटल डॉक्टर्स की रिहायश के लिए बनाये गए क्वाटर का घोटाला, होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज चंदपुरा घोटाला, लघु सचिवालय घोटाला, साइंस सेंटर कमजोर स्ट्रक्चर घोटाला, सिविल हॉस्पिटल हार्ट सेंटर की अनियमतायें हों जो कभी से अखबारों के पन्नों पर और जनता की जुबान पर चल रहे हैं। ऐसा लगने लग गया है कि काम बाद में शुरू होता है, प्रोजेक्ट में घोटाले की प्लानिंग पहले होती है। करोड़ों की लागत से बने साइंस सेंटर को कमजोर स्ट्रक्चर के चलते पूरा गिराकर, शुरुआत से बनाना पड़ेगा। जिस से आने वाले समय में जनता पर करोड़ो का बोझ पड़ेगा।
चित्रा ने कहा की गत दिनों अम्बाला छावनी में भी अंतरराष्टीय फूटबाल स्टेडियम में हुए करोड़ो के घोटाले को लेकर हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट द्वारा पत्र भेजकर भारत के प्रधानमंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री समेत ग्रहमंत्री व आला अधिकारियो को सभी से घोटाले की सीबीआई और कैग से जाँच कराने के लिए पत्र लिखा गया था।
मामले में जाँच तो दूर सरकार ने आज तक उन पत्रों का जवाब देना भी उचित नहीं समझा। ऐसा लगता है कि सरकार इन घोटालो पर पर्दा डालना चाहती है जबकि सरकार को इस काम में पारदर्शिता दिखानी चाहिए थी।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।