हरियाणा में अब एग्रो इंडस्ट्री को सस्ती बिजली दी जाएगी। इंडस्ट्री के प्रति यूनिट बिजली रेट में 2.70 रुपये प्रति यूनिट की कमी की गई है। इसके अलावा घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर भी कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। उनके लिए बिजली के रेट पुराने ही रहेंगे। बिजली दरों का नया टैरिफ एक जून से लागू माना जाएगा।यह फैसला हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) के चेयरमैन डीएस ढेसी की अध्यक्षता में हुई वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) की बैठक में लिया गया। चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी, सदस्य प्राविंद्रा सिंह चौहान और सदस्य नरेश सरदाना ने डिस्कॉम के 2020-21 की वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) आर्डर पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।एआरआर के इस आर्डर में एग्रो-इंडस्ट्रीज को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए एचईआरसी ने एग्रो इंडस्ट्रीज की नई 20 किलोवाट तक की लोड टैरिफ श्रेणी/एफपीओ बनाई है। ऐसी इकाइयों से 4.75 रुपये प्रति यूनिट की रियायती दर ली जाएगी। पहले उन पर 7.05 रुपये प्रति यूनिट का टैरिफ लगाया जा रहा था। इन बिजली उपभोक्ताओं को 42.5 करोड़ रुपये का कुल लाभ होने का अनुमान है। एग्रो इंडस्ट्रीज की श्रेणी में पैक हाउस, ग्रेडिंग, पैकिंग, प्री-कूलिंग और राइपनिंग चैंबर, मधुमक्खी पालन, शहद प्रसंस्करण, मशरूम की खेती, टिशू कल्चर, झिंगा और मछली पालन, पोल्ट्री फार्म, सुअर फार्म, मिल्क चिलिंग प्लांट और कोल्ड स्टोरेज के बिजली उपभोक्ता शामिल हैं। इस श्रेणी से जुड़े उद्यमियों की लंबे समय से यह मांग चली आ रही थी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विविधीकरण को काफी बढ़ावा मिलेगा। प्रीपेड मीटर व्यवस्था शुरू करने को हरी झंडी एचईआरसी ने प्री-पेड मीटर व्यवस्था शुरू करने के लिए बिजली वितरण कंपनियों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसने प्री-पेड सुविधा का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं के लिए लागू टैरिफ पर 5 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है। एआरआर आर्डर में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए रियायती शुल्क दिया गया है।प्रति माह 150 यूनिट तक की खपत वाले घरेलू उपभोक्ता रियायती शुल्क का फायदा लेते रहेंगे। 0-50 यूनिट तक 2 रुपये प्रति यूनिट, 51-100 यूनिट तक 2.50 रुपये प्रति यूनिट तथा 0-150 यूनिट तक 2.50 रुपये प्रति यूनिट तक के हिसाब से बिजली की दर वसूली जाएगी। ऐसे उपभोक्ताओं को 465 करोड़ रुपये का लाभ मिल सकेगा। आर्डर में घरेलू आपूर्ति उपभोक्ताओं के लिए प्रति माह 800 यूनिट तक खपत के लिए वितरण और खुदरा आपूर्ति शुल्क में 42 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। इसलिए, ऐसे उपभोक्ताओं के लिए बिजली का बिल लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाएगा। बताते चले कि प्रदेश में 67 लाख 98 हजार 55 बिजली उपभोक्ता हैं।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।