कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के खतरे के मद्देनजर हरियाणा सरकार सरकारी कार्यालयों को ई-ऑफिस कल्चर से लैस करने जा रही है। जिसके तहत कार्यालयों की तमाम मैनुअल फाइलें हटेंगी और ऑनलाइन डिजिटल फाइलें मूव करेंगी। पहले चरण में पंचकूला और चंडीगढ़ स्थित सभी सरकारी कार्यालयों के मुख्यालयों में कामकाज को ई-ऑफिस में तब्दील किया जाएगा। जबकि दूसरे चरण में सभी जिलों के कार्यालयों में ई-ऑफिस की शुरुआत की जाएगी।सरकार की मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस एसोसिएट्स विंग की निगरानी में इस प्रोजेक्ट को लागू किया जाएगा। एनआईसी द्वारा इस सॉफ्टवेयर को डेवलप किया गया है। जबकि हरियाणा आईटी विभाग के अंतर्गत हारट्रोन इस प्रोजेक्ट की टेक्निकल नोडल एजेंसी होगी। चरणबद्ध तरीके से सभी कार्यालयों के निदेशकों और इसके लिए नियुक्त किए गए 11 नोडल अफसरों को इसकी ट्रेनिंग देने का काम शुरू कर दिया गया। सीएम गुड गवर्नेंस एसोसिएट्स प्रोजेक्ट डायरेक्टर राकेश गुप्ता की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की टीम सरकारी कार्यालयों के अफसरों को इसकी ऑनलाइन व मैनुअल ट्रेनिंग दे रही है।प्रोजेक्ट डायरेक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि ई-ऑफिस कल्चर को डेवलेप करना मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। जिसे पूरा करने के लिए विभाग पूरी शिद्दत से जुटा हुआ है। सभी विभागों में इसके लिए नोडल अफसर भी बनाए जा रहे हैं। जो इसे अपने-अपने कार्यालयों में क्रियान्वित करवाएंगे।हरियाणा के मुख्यालय और जिलों में स्थित तमाम सरकारी कार्यालयों में हर साल विभिन्न कार्यों की लगभग 5 लाख मैनुअल फाइलें तैयार होती हैं। उसके बाद जब तक काम सिरे नहीं चढ़ता। ये फाइलें विभिन्न कार्यालयों अफसरों और कर्मचारियों के पास मैनुअल मूव होती रहती हैं। इसमें समय और संसाधन तो काफी बर्बाद होता है। अब इससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है।इसी के मद्देनजर व डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि तमाम सरकारी कार्यालयों को पेपरलेस बना दिया जाए और वहां ई-ऑफिस कल्चर को डेवलप किया जाए। अभी तक हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड व गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी इन दोनों कार्यालयों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ई-ऑफिस में तब्दील किया जा चुका है। हरियाणा टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट भी इस ओर आगे बढ़ रहा है।हरियाणा सरकार इस सारे प्रोजेक्ट में किसी भी प्राइवेट एजेंसी को शामिल नहीं करेगी। ताकि किसी भी तरह सरकारी डाटा लीक होने के खतरे की कोई संभावना न रहे। यह सॉफ्टवेयर सरकारी एजेंसी एनआईसी का प्रोडक्ट है और बीएसएनल से प्रदेश सरकार ने डाटा सर्वर और बैकअप सर्वर खरीदा है। यदि डाटा कारणवश डिलीट भी हो जाए तो बैकअप सर्वर से उसे रिकवर किया जा सकेगा।इन फाइलों पर अफसरों के डिजिटल साइन चलेंगे। लेकिन वे भी तभी होंगे जब अफसर अपनी डोंगल अपने लैपटॉप पर लगाएंगे। इतना ही नहीं अफसर यदि कई दिनों की छुट्टी पर चल रहा है। तो उसके सिग्नेचर के बिना महत्वपूर्ण फाइलें अब नहीं रुकेगी। अफसर जहां हैं, वहीं से डिजिटल साइन करके उन फाइलों को आगे मूव कर सकेगा।
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हरियाणा के सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू करने की तैयारी
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।