ABN : हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने से पहले इसके बारे में फीडबैक लेने का फैसला किया है। शिक्षा नीति को लागू करने का निर्णय सरकार पहले ही कर चुकी है। अब ग्राम पंचायतों को भी इसमें भागीदार बनाया जाएगा। शिक्षा विभाग खुद गाम पंचायतों तक पहुंचेगा और उनके सुझाव लिए जाएंगे। ग्राम पंचायतों के साथ विचार-विमर्श के बाद अगर अच्छे सुझाव सामने आते हैं तो उन्हें नीति में शामिल किया जाएगा।25 सितंबर तक सुझाव जुटाए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। विभाग लगभग 6500 ग्राम पंचायतों तक पहुंचेगा। इतना ही नहीं, शिक्षाविदों व राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने वाले शिक्षकों से भी विचार-विमर्श होगा। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवार्डी शिक्षकों से मुलाकात करेंगे। मंथन करने के बाद शिक्षा विभाग सरकार को रिपोर्ट देगा। सुझावों के आधार पर अगर कोई बदलाव करना हुआ तो इसकी सिफारिश सरकार को की जाएगी।
इसके बाद सरकार शिक्षा नीति को विधिवत रूप से राज्य में लागू करेगी। पंचायतों की भागीदारी इसलिए बढ़ाई गई है, क्योंकि राज्य में पढ़ी-लिखी पंचायतें हैं। कई ऐसे सरपंच भी हैं, जो युवा भी हैं और विदेशों से पढ़ाई करके आए हैं। डबल एमए, पीएचडी ही नहीं कई तरह के प्रोफेशनल कोर्स कर चुके युवा भी पंचायती राज संस्थाओं में सक्रिय हैं। ऐसे में सरकार ने प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक की शिक्षा को लेकर सुझाव आमंत्रित किए हैं।गौरतलब है कि 11 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने स्कूल शिक्षा से जुड़े कई विषयों पर चर्चा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस अभियान के बाद ही विभाग ने यह निर्णय लिया। इस बीच, विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ़ महावीर सिंह 18 सितंबर को अवार्डी शिक्षकों से रूबरू होंगे। शिक्षा नीति को लेकर उनकी राय ली जाएगी। प्ले स्कूलों को लेकर भी मंथन होगा। सरकार ने पंचायतों के माध्यम से स्कूलों में 100 प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित करने और ड्रॉपआउट रेट को शून्य करने का लक्ष्य रखा है।
विभाग के सचिव के निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक ने सभी जिला शिक्षा व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है। साथ ही, जिला परियोजना समन्वयकों को भी इस बारे में हिदायतें दी गई हैं। इस मुहिम को सरकार ने ‘शिक्षक पर्व’ नाम दिया है। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा अभिभावकों से भी बातचीत की जाएगी।सरकार ने प्रदेश में अगले शिक्षा सत्र से शुरू होने वाले 136 संस्कृति मॉडल स्कूलों में सीबीएसई का पाठ्यक्रम लागू करने का फैसला किया है। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद सरकार ने बुधवार को 113 नये स्कूलों को सीबीएसई के साथ जोड़ा है। आगामी शिक्षा सत्र से प्रदेश में एक हजार संस्कृति मॉडल स्कूल शुरू होंगे। वर्तमान सरकारी स्कूलों का नाम बदलकर संस्कृति मॉडल स्कूल रखा जाएगा। इसके लिए सरकार प्रस्ताव मांग चुकी है। इनमें अध्यापकों की नियुक्ति भी अलग पैट्रन पर होगी।#SHARE#COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।