विदेशों में भी चीनी दूतावासों के पास प्रदर्शन शुरू #SHARE #COMMENT ( एजेंसी ) पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में चीन की सेना के साथ खूनी झड़प के बाद से तीनों सेनाएं अलर्ट पर हैं। सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गतीरोध को कम करने के लिए एक बार फिर भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत खत्म हो गई है। हालांकि इससे पहले दोनों देशों के बीच हुई बातचीत बेनतीजा रही थी। उधर, चीन की इस हरकत को लेकर देशभर में आक्रोश का माहौल है। लोग चीनी सामानों का बहिष्कार कर रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के सूत्रों के अनुसार भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता छह घंटे बाद खत्म हो गई है। दोनों देशों की वार्ता के दौरान 15-16 जून को गलवन घाटी में झड़प करने वाले सैनिकों का लेखा जोखा रखा गया और झड़प में कोई भी सैनिक गायब नहीं हुआ। भारतीय सेना ने न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से कहा है कि दिनांक 17 जून 2020 के अखबार में एक लेख 'इन चाइन-इंडिया क्लैश, टू नेशनिल्ट लीडर्स विद लिटिल रूम टू गिव' में लिखा गया है। जिसमें पूरी तरह से स्पष्ट किया गया है कि भारतीय सेना का कोई भी सैनिक गायब नहीं हुआ। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद और तनाव के बीच सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। इस बार फैसला रेलवे मंत्रालय ने लिया है। रेलवे उपक्रम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन लिमिटेड ने चीनी फर्म बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के साथ चल रहे कॉन्ट्रैक्ट को रद कर दिया है।
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विदेशों में भी चीनी दूतावासों के पास प्रदर्शन शुरू #SHARE #COMMENT
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इस वक्त गलवन घाटी में बहुत कुछ हो रहा है। पिछले 200 सालों से यह हमारे (भारत) के पास है... युद्ध समाधान नहीं, बातचीत के जरिए मामले का हल निकलना चाहिए: अमिन गलवन, गुलाम रसूल गलवन के पोते, जिनके नाम पर गलवन घाटी का नाम पड़ा है।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।