लाखों लोगों को मिलेगी राहत , फिर पटरी पर दौड़ेंगी ये ट्रेनें
दिल्ली एनसीआर सहित अब उत्तर रेलवे के अन्य मंडलों के यात्रियों के लिए राहत भरी खबर सामने आयी है। बता दें कि जल्द ही लोकल ट्रेनें भी पटरी पर दौड़ना शुरू होंगी। मिली जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड ने उत्तर रेलवे को 35 लोकल ट्रेनें चलाने की अनुमति दे दी है। आने वाले 22 फरवरी से ये ट्रेनें पटरी पर उतरेंगी।जिससे उत्तर रेलवे के लोकल यात्रियों सहित दिल्ली एनसीआर के सभी रेल यात्रियों को काफी फायदा होगा। इन सभी ट्रेनों को फिलहाल के लिए एक्सप्रेस ट्रेनों का दर्जा देकर चलाने का फैसला लिया गया है। जिसमे दिल्ली से गाज़ियाबाद , पलवल , पानीपत सहित आसपास के अन्य शहरों के बीच भी लोकल ट्रेनें चलेंगी। इन ट्रेनों में यात्री अनारक्षित टिकट लेकर भी सफर कर पाएंगे , लेकिन उस के लिए उन्हें एक्सप्रेस ट्रेन का किराया देना होगा। कोरोना काल के बाद अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही दिल्ली एनसीआर में रोजाना जाने वाले लोकल यात्री ट्रेनों के परिचालन की मांग कर रहे थे।यात्रियों का कहना था कि ट्रेनें ना चलने की वजह से उन्हें आपने काम पर पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। यात्रियों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा था कि उन्हें सामने सड़क के रास्ते से ही जाने का ऑप्शन बचता था जिससे उनका किराया और समय दोनों बर्बाद होते थे। वहीं , कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन की वजह से दिल्ली की सीमाएं बंद पड़ी है , जिसकी वजह से दैनिक यात्रियों की समस्याएं और बढ़ गयी। यात्रियों की इन सब परेशानियों को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने उत्तर रेलवे को लोकल ट्रेनें चलाने की अनुमति दी है। जिनमे 14 पैसेंजर ट्रेनें , पांच ईएमयू , दस एमईएमयू और छह डीएमयू शामिल है।
दिल्ली-एनसीआर में चलने वाली लोकल ट्रेनें
- बरेली-पुरानी दिल्ली पैसेंजर (54075)
- पुरानी दिल्ली-बरेली पैसेंजर (54076)
- शकूरबस्ती-पलवल ईएमयू (64016)
- गाजियाबाद-शकूरबस्ती ईएमयू (64031)
- पलवल-गाजियाबाद ईएमयू (64053)
- हजरत निजामुद्दीन-कुरुक्षेत्र ईएमयू (64461)
- कुरुक्षेत्र-हजरत निजामुद्दीन एमईएमयू (64462)
- पुरानी दिल्ली-सहारनपुर एमईएमयू (64557)
- सहारनपुर-पुरानी दिल्ली एमईएमयू (64558)
- पुरानी दिल्ली-सहारनपुर डीएमयू (74021)
- सहारनपुर-पुरानी दिल्ली डीएमयू (74024)
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।