ABN : कोरोना संकट के बीच आई मंदी का असर अब आइआरसीटीसी पर भी नजर आने लगा है।भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम ने अपने 500 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इस कदम को लेकर आईआरसीटीसी ने बताया कि मौजूदा हालातों में इन कर्मचारियों की विभाग को जरूरत नहीं हैं।कोरोना वायरस के कारण कई कम्पनी या कार्य क्षेत्रों का काम प्रभावित हुआ। जिसके चलते लाखों लोगों की नौकरियां और व्यापार ठप्प हो गए। IRCTC ने भी अब अपने करीब 560 कर्मचारियों की सेवाओं को रद्द करने का फैसला लिया है। ये कर्मचारी निगम में सुपरवाइजरों के पद पर काम कर रहे थे।
IRCTC ने साल 2018 में इन 560 सुपरवाइजरों को रेलगाड़ियों में ठेकेदारों द्वारा परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए नियुक्त किया था। इनका काम ट्रेनों के खानपान वाले कोच के संचालन की निगरानी करना था।ये सुपरवाइजर इस बात को सुनिश्चित करते थे कि ट्रेन के खाने को तैयार करने में गुणवत्ता हो, यात्रियों की शिकायत न मिले और अगर शिकायत आये तो उसका समाधार भी इन्हे ही करना होता था। इसके अलावा खाने की कीमतों में किसी तरह की कोई धांधली न हो इसपर भी ये निगरानी रखते थे।वहीं कोरोना काल में पहले लॉकडाउन के कारण ट्रेनों का संचालन रुक गया तो वहीं अब सीमित संख्या में ट्रेनों का संचालन हो रहा है। ऐसे में आईआरसीटीसी ने इनकी सेवाओं को रद्द करते हुए हवाला दिया कि अभी इन कर्मचारियों की आवश्यता नहीं है।
आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने बताया, ‘हम मामले पर पुनर्विचार कर रहे हैं। हम विचार कर रहे हैं कि क्या इस निर्णय पर पुनर्विचार हो सकता है। इस संबंध में कुछ कदम उठाए जाएंगे।’ वहीं इन कर्मचारियों ने मामले में रेल मंत्री पीयूष गोयल से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है और मदद मांगी है।#SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।