ABN : भारतीय रेलवे आईआरसीटीसी की वेबसाइट का कायाकल्प करने जा रही है। यह रेलवे की ऑफिशियल टिकटिंग वेबसाइट है। वेब पोर्टल www.irctc.co.in को अंतिम बार 2018 में अपग्रेड किया गया था। तब ईआरसीटीसी ने टिकट बुकिंग को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए कई फीचर जोड़े थे। इसे एक बार फिर अपग्रेड करने की तैयारी चल रही है और इसमें कई अतिरक्त फीचर जोड़े जाएंगे।हाल में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा था कि आईसीआरटीसी की वेबसाइट को पूरी तरह बदला जाएगा और इसकी प्रोसेस को सरल बनाया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करके इसे पर्सनलाइज्ड बनाया जाएगा। साथ ही इसे होटल बुकिंग और मील बुकिंग से साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगस्त में IRCTC की टिकट बुकिंग वेबसाइट नए कलेवर और फ्लेवर में नजर आएगी और यात्रियों को नए पोर्टल के साथ बेहतर अनुभव मिलेगा। IRCTC की वेबसाइट को 2018 में अपग्रेड किया गया था और तब इसमें वेटलिस्ट प्रीडिक्शन फीचर, वेटलिस्ट टिकट होने पर वैकल्पिक ट्रेन का चयन करने के लिए विकल्प फीचर, पेमेंट ऑप्शन आदि जोड़े गए थे।
आईसीआरटीसी की वेबसाइट में आमूलचूल बदलाव के साथ ही रेलवे ने कोविड-19 के बाद के दौर में लोगों को कॉन्टेक्ट रहित सेवाएं देने के लिए कई उपाय किए हैं। रेलवे स्टेशनों पर भी हवाई अड्डों की भांति क्यूआर कोड वाले संपर्क रहित टिकट देने की योजना है जिन्हें स्टेशन और ट्रेनों पर मोबाइल फोन से स्कैन किया जा सकेगा। हवाई अड्डे की भांति सभी यात्रियों के लिए स्टेशन पर प्रवेश करते ही संपर्क रहित टिकट की जांच करने की प्रक्रिया के लिए नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर 1 जून से एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
यादव ने कहा कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट का पूरी तरह नवीनीकरण किया जाएगा और प्रक्रिया को सरल, सुविधाजनक बनाया जाएगा और होटल और भोजन की बुकिंग के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि रेलवे ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत ट्रेनों की सैटेलाइट द्वारा निगरानी की जा सकेगी। इससे ट्रेनों की लोकेशन और स्पीड के बारे में रियल टाइम डेटा मिलेगा। पहले चरण में 2700 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव और 3800 डीजल लोकोमोटिव पर जीपीएस डेवाइस फिट किए गए हैं। दूसरे चरण में दिसंबर 2021 तक 6000 और लोकोमोटिव को इससे जोड़ दिया जाएगा। #SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।