ABN :अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त को होना है। इसके लिए यमुना और सरस्वती नदी के पवित्र जल और मिट्टी को अयोध्या ले जाया गया है। हथिनी कुंड और आदिबद्री में हवन यज्ञ के बाद दोनों नदियों का पवित्र जल और मिट्टी लेकर साधु-संत अयोध्या रवाना हुए। यमुना नदी पर बने हथिनी कुंड बैराज पर आसपास के मंदिरों के संतों ने रविवार को सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में यमुना घाट पर पूजा अर्चना की है। इसके बाद यहां से कमंडलों में जल भरा गया। इस जल को रोहतक भिजवाया गया, जहां से अयोध्या ले जाने का इंतजाम विश्व हिंदू परिषद के सदस्य करेंगे। जिला समरसता प्रमुख महिपाल रोहिल्ला ने बताया कि पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव रखी जाएगी, जिसमें श्रद्धा अनुसार सभी योगदान दे रहे हैं। इसी कड़ी में कलेश्वर महादेव मठ के शांतानंद महाराज, प्रपन्नाचार्य महाराज ताजे वाला, गौशाला हथिनी कुंड व बनिया वाला गौशाला के संत, एडवोकेट मुकेश गुप्ता, गौरव गुप्ता ,जयकरण, अनंत कुमार, सुरेश शर्मा, सिंचाई विभाग के एक्सईएन हरिदेव कंबोज, धर्मपाल एसडीओ, जेई हेमंत अरोड़ा आदि की मौजूदगी में पूजन किया गया। बिलासपुर की विश्व हिंदू परिषद इकाई ने सरस्वती उद्गम स्थल आदिबद्री धाम से अदृश्य सरस्वती नदी का जल और मिट्टी ली। यहां पहाड़ से सरस्वती का पानी निकलता है। विहिप के सेवक देवेन्द्र अरोड़ा, जितेन्द्र मलिक, अभिषेक मलिक ने बताया कि सरस्वती उद्गम स्थल पर पुजारी ने मंत्रों उच्चारण के साथ सरस्वती मां की पूजा अर्चना करवाई। इसके बाद सरस्वती उद्गम स्थल से निकल रही पवित्र धारा से जल लिया। साथ ही सोम नदी, कपालमोचन के पवित्र तीर्थस्थलों सहित आस पास के ऐतिहासिक व प्राचीन धार्मिकस्थलों से जल को एक पात्र में एकत्रित किया गया है। इस मौके पर सुनील सैनी, अभिषेक मलिक, विपिन गुप्ता, ऋषिपाल, रामेश्वर ढींगरा, जितेन्द्र मलिक मौजद रहे। यह पवित्र जल किसी भी साधक या आम श्रद्धालु में सतोगुण की मात्रा का विस्तार करने में सक्षम है, इसलिए आदिकाल से ही इन नदियों का जल एकत्रित कर धार्मिक विधि-विधान में प्रयोग किया जाता है। पवित्र जल को पीने से श्रद्धालुओं के भीतर भगवत्ता को अनुभव करने की शक्ति जाग्रत होती है।आरएसएस के जिला प्रमुख मुकेश गर्ग ने बताया की साधु-संतों एवं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं की अगुवाई में यह जल अयोध्या ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की कई पीढ़ियां राम मंदिर के निर्माण की प्रतीक्षा कर रही थीं जो अब साकार होने वाला है।#SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
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राम मंदिर निर्माण के लिए यमुना व सरस्वती के जल का होगा प्रयोग.
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।