सूत्रों की मानें तो जुलाई तक भारत को राफेल विमान मिलेंगे, जिनमें 150 किमी. तक की रेंज में मेट्योर मिसाइल लगी होगी. यानी चीन से मिलने वाली हर चुनौती का भारत करारा जवाब देगा. भारतीय वायुसेना के पायलट ने इन विमानों की ट्रेनिंग ले ली है, ऐसे में जैसे ये भारत पहुंचेंगे तो काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे.राफेल विमानों को भारत लाने के लिए वन स्टॉप का इस्तेमाल किया जा रहा है. यानी फ्रांस से उड़ान भरने के बाद यूएई के अल डाफरा एयरबेस पर राफेल विमान उतरेंगे. यहां पर फ्यूल से लेकर बाकी सभी टेक्निकल चेकअप के बाद राफेल विमान सीधे भारत के लिए उड़ान भरेंगे. वह सीधे अंबाला एयरबेस पर आएंगे.
सभी 36 राफेल विमानों की डिलिवरी 2022 में हो जाएगी. राफेल विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला में तैनात होगा, जबकि दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हसीमारा में तैनात किया जाएगा. माना जा रहा था कि कोरोना संकट के कारण राफेल विमानों की डिलिवरी देरी से होगी, लेकिन फ्रांस ने टाइम पर डिलिवरी देने का फैसला किया था.
इस बाबत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2 जून को फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले से बात की थी. इस दौरान फ्रांस की ओर से भरोसा दिया गया था कि भारत को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान की डिलीवरी वक्त पर होगी, कोरोना महासंकट का असर इस पर नहीं पड़ेगा. #SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।