विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने "वर्षा जल संचय परियोजना" का शुभारम्भ किया
डीसी अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से आयोजित वीसी के माध्यम से जल शक्ति अभियान के तहत कैच द रेन (वर्षा के जल का संचय) का शुभारम्भ किया। इस परियोजना को शुरू किए जाने का मुख्य उद्देश्य यही है कि हमें वर्षा के पानी का संचय करना है, जल संरक्षण करना है, पानी की महत्वता को समझना है। जहां पानी का संचय करना है वहीं उसका सदुपयोग भी करना है, व्यर्थ पानी नहीं बहाना है। डीसी दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल शक्ति अभियान सम्बधी विषय पर आयोजित वीसी में मिले निर्देशों की अनुपालना में स्थानीय कार्यालय में वीसी के बाद अधिकारियों की बैठक में उन्हें आवश्यक निर्देश दे रहे थे।
डीसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व जल दिवस की बधाई दी हैं। बधाई के महत्व को कार्यरूप में परिणत करने के लिए सभी जिला वासियों को जल संरक्षण के दृष्टिगत एकता के सूत्र में बंधकर काम करने की जरूरत है। जल ही जीवन हैं, जल का उपयोग और संरक्षण हम सबकी सांझी जिम्मेदारी हैं। उन्होंने कहा कि मानसून आने में अभी वक्त है, हमें अगले 100 दिन के अंदर जिला में ऐसी सभी व्यवस्थाएं जैसे तालाबों की सफाई, टैंको की व्यवस्था व सफाई सभी ऐसे कार्य पहले से ही करने है ताकि वर्षा के पानी का हम संचय कर सकें। उन्होंने कहा कि जितना वर्षा का पानी संचय हो सकेगा, उसको तकनीकी विधि से साफ करके खेती, बागवानी या अन्य कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जा सकेगा। इसलिए हमें स्वयं पानी की महता को समझना है तथा दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते हुए इस अभियान को जन-जन का आंदोलन बनाते हुए सफल बनाना है। उन्होंने यह भी कहा कि मनरेगा के तहत अब जो कार्य करने है उसका एक-एक पैसा पानी से सम्बन्धित तैयारियों के लिए खर्च किया जाना चाहिए।
उपायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक लेते हुए यह भी कहा कि जिस परियोजना का आज शुभारम्भ हुआ है हमें उसके तहत वर्षा के पानी का संचय करने की दिशा में कार्य करना है। स्वयं जल की महता को समझना है और दूसरों को भी इसकी महता के लिए प्रेरित करना है। हमें सरकारी भवनों के साथ-साथ ऐसे सभी स्थान जहां पर वर्षा के पानी का संचय हो सकता है उस दिशा में कार्य करना है।
आज दिल्ली से जल शक्ति एवं संरक्षण विषय पर आयोजित वीसी में पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रतन अटल बिहारी वाजपेयी ने नदियों को जोडऩे का सपना देखा था वह आज साकार हो रहा है। इस दिशा में कैन नदी व बेतवा नदी को जोडऩे की परियोजना का शुभारम्भ हुआ है। इस कार्य के लिए मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ वहां की जनता का वे आभार व्यक्त करते हैं, यह कार्य एक नये अध्याय का सूत्रपात है। इस परियोजना के तहत मध्य प्रदेश के 9 जिलों व उत्तर प्रदेश के 4 जिलों को फायदा होगा। हमें संकल्प लेते हुए जल की महता को समझकर स्वयं पानी को बचाना है व दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना है। कैच द रेन कार्यक्रम के तहत इस अभियान को सफल बनाकर भारत में पानी की जहां समस्या रहती है उसे दूर करने का काम करना है।
इससे पहले केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने भी विश्व जल दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पानी का संचय करने, संरक्षण करने व पानी की महता बारे लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। जल का संरक्षण हो सके, इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में इस दिशा में कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कैच द रेन कार्यक्रम के तहत हमें संकल्प लेते हुए वर्षा के पानी का संचय करना है, पानी को व्यर्थ नहीं बहाना है, यदि हम ऐसा कार्य करेंगे तो गिरते भू-जल स्तर को कम कर सकेंगे। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त जगदीप ढांडा, एसडीएम सचिन गुप्ता, एसडीएम सत्येन्द्र सिवाच, एसडीएम गिरीश कुमार, जिला परिषद के सीईओ अनुराग ढालिया के साथ-साथ अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
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जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।