आज भारत या दुनिया में कही भी सनातनी हिन्दू बैठा है उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि आज जो उनके माथे पर तिलक लगा हुआ है या जनेऊ डाला हुआ है वह नौवें गुरू तेग बहादुर की देन है। शांडिल्य ने आज नौवें गुरू तेग बहादुर को उनके शहीदी दिवस पर याद किया और कहा कि गुरू तेग बहादुर हिंदुस्तान के लिए हिंद की चादर थे। आज अगर ब्राह्मण माथे पर तिलक लगाता है व जनेऊ डालता है वह नौंवे गुरू तेग बहादुर के शीश की कुर्बानी से मिला। अगर गुरू तेग बहादुर अपना शीश न देते तो यह संभव नहीं था । शांडिल्य ने कहा कि गुरु तेग बहादुर के समकालीन मुगल शासक औरंगजेब थे। भारत में औरंगजेब की छवि कट्टर बादशाह के रूप में थी। कश्मीरी पंडित इसके सबसे ज्यादा शिकार हुए। कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल श्री आनंदपुर साहिब में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शरण में मदद के लिए पहुंचा। गुरु तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितों को उनके धर्म की रक्षा का आश्वासन दिया। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंड इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि उसके बाद चांदनी चौक पर गुरू तेग बहादुर ने ब्राह्मणों की रक्षा करते हुए अपना शीश कुर्बान किया। वीरेश शांडिल्य ने भारत के ही नहीं विश्व में जहां भी हिन्दू व ब्राह्मण बैठा है वह गुरू तेग बहादुर का ऋण नहीं चुका सकता लेकिन समाज को अपने घरों व मंदिरों में ही नहीं बल्कि हिंदू एवं ब्राह्मण धर्मशालाओं में भी भगवान परशुराम के साथ गुरू तेग बहादुर की भी प्रतिमा व चित्र लगाकर पूजा करें। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि केंद्र सरकार को गुरू तेग बहादुर दसवें गुरू गुरू गोविंद सिंह व साहबजादों के चित्र भी भारतीय करंसी पर छापने चाहिए। शांडिल्य ने आज गुरू तेग बहादुर के गुरूद्वारे में जाकर शीश नवाया।
होम
दुनिया के हर हिन्दू को अपने घर व मंदिर में गुरू तेग बहादुर की फोटो लगानी चाहिए: वीरेश शांडिल्य
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।