जनता के लिए भी आसान नहीं होगा मेयर का चुनाव
अंबाला नगर निगम में मेयर का चुनाव इस बार सीधे अंबाला की जनता करेगी। यह अंबाला के इतिहास में पहली बार होगा। लेकिन इस बार मेयर का चुनाव करना जनता के लिए भी आसान नहीं होगा। लेकिन बात जनता तक तब जाएगी जब राजनितिक पार्टियां अपना मेयर पद का दावेदार मैदान में उतारेंगी। आप को बता दें कि अभी तक अंबाला में मेयर पद के लिए सीधे तौर पर सिर्फ दो ही नेताओं ने अपने नाम दिए हैं। जिसमें से एक हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता दिलीप चावला की धर्मपत्नी अमीषा चावला है तो दूसरी पढ़े लिखे बिजनस मैन इंजीनयर बलबीर सिंह की पत्नी गुरमीत कौर। इसकेअलावा अभी तक न तो बीजेपी ने अपने पत्ते खोले हैं और न ही कांग्रेस ने। ऐसे में जब ये दोनों पार्टियां भी अपने अपने पत्ते खोल कर मेयर पद के उम्मीदवारों के नाम घोषित करेगी तो अंबाला की जनता के सामने मेयर पद के लिए 4 बड़े चेहरे होंगे , जिसमें से लोगों को एक मेयर चुनना होगा। लेकिन यहाँ जनता की परेशानी या अपना मेयर चुनना जनता के लिए इतना भी आसान नहीं होने वाला है। जाहिर है कि अंबाला की सियासत में हेवीवेट नेता के नाम से जाने जाने वाले पूर्व विधायक विनोद शर्मा भी सभी सीटों पर अपने केंडिडेट उतारने का ऐलान कर चुके हैं और अगर ऐसा होता है तो अंबाला की जनता के सामने मेयर पद के 5 दावेदार होंगे। ऐसे में देखने वाली बात रहेगी कि अंबाला की जनता किसे मेयर की कुर्सी पर बिठाएगी। लेकिन यहाँ एक बात तो तय है कि अगर यह चुनाव नेताओं के लिए आसान नहीं है तो यह चुनाव अंबाला की जनता के लिए भी आसान नहीं होगा। जनता को यहाँ सोच विचार कर ही अपने मेयर का चुनाव करना होगा। खैर अभी यह आंकलन भी लगाना मुश्किल होगा कि कौन नेता मेयर की रेस में आगे है कौन पीछे , लेकिन फिलहाल सबकी निगाहें बीजेपी और कांग्रेस की आने वाली उम्मीदवारों की सूची पर टिकी हुई हैं।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।