गरीब परिवार के लगभग 112 बच्चों (0 से 18 वर्ष आयु तक) का मुफ्त ईलाज करवाया गया
(दिव्या सिंह) - राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तत्वाधान में सिविल सर्जन डा0 कुलदीप सिंह के मार्गदर्शन में उप सिविल सर्जन डा0 बलविन्द्र कौर के दिशा निर्देशन में वर्ष 2022-23 में लगभग 112 बच्चों (0 से 18 वर्ष आयु तक) का मुफ्त ईलाज करवाया गया। इस कार्यक्रम के तहत आंगनवाड़ी व सरकारी/सरकार से मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चे जो कि आरबीएस के तहत कवर होने वाली बीमारियों के लाभार्थी है तथा जो गरीब परिवार अपने बच्चों का प्राईवेट अस्पताल में ईलाज करवाने में असमर्थ हैं उनको लाभ प्राप्त होता है। जन्म जात ह्दय रोग सीएचडी यानि की दिल में छेद की बीमारी से ग्रस्त बच्चों जिनका ईलाज किसी भी प्राईवेट अस्पताल में लगभग 2 लाख से 2.50 लाख रूपये तक होता है उनका सारा खर्चा आरबीएसके कार्यक्रम के माध्यम से किया जाता है। इस वर्ष 51 सीएचडी केस आरबीएसके कार्यक्रम के तहत ऑपरेट करवाए जा चुके हैं। इसी तरह स्पाईनल एवीएम की बीमारी जो की रीड़ की हड्डी से सम्बन्धित है, जिसका ईलाज प्राईवेट अस्पताल में लगभग 1.50 लाख है, इस कार्यक्रम के तहत फ्री करवाया गया। इसी तरह हिरसचपरंग डिसिज (आंतो की बीमारी) जिसका खर्चा लगभग 50 हजार रूपये है। आरबीएसके के लाभार्थी का मुफ्त में ईलाज करवाया गया तथा हाईड्रोसीफल्स और एनोरक्टल मलफोरमेशल जिनका खर्चा लगभग 20 हजार रूपये है इसका भी ईलाज आरबीएसके के तहत मुफ्त हुआ है।
वर्ष 2013-14 से चल रहे इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस वर्ष अब तक की सबसे अधिक संख्या में बच्चों का ईलाज करवाया गया तथा इस वर्ष की स्वीकृत राशि 83,29,559 लाख में से 74,67,559 तक का खर्चा हो चुका है। शेष राशि भी अगले सप्ताह तक खर्च हो जायेगी। क्योंकि कुछ बच्चों की सर्जरी की तारीख आगामी सप्ताह में है। इसके अतिरिक्त अन्य बीमारियां यानि की लैफ्ट लिप/प्लेट (15), सीटीईवी (105), न्यूरल टयूब डिफैक्ट (4) इत्यादि बीमारियों से ग्रस्त बच्चों का ईलाज करवाया गया। दिव्यांग बच्चों को व्हील चेयर, सीटीईवी के बच्चों को जूते व शिकंजे इत्यादि दिए गये। इस वर्ष में इतनी अधिक संख्या में बच्चों के ईलाज का श्रेय सिविल सर्जन के समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश एवं उप सिविल सर्जन डा0 बलविन्द्र कौर के मार्गदर्शन तथा आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत कार्य करने वाले प्रत्येक कर्मचारी व अधिकारी का सक्रिय एवं हमेशा क्रियाशील होना है।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।