ABN : ग्लेनमार्क की दवा फेवीपिराविर हल्के से मध्यम कोरोना मरीजों की रिकवरीको तेज कर देती है। यह जानकारी फार्मा कंपनी ने अपने तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम घोषित करते हुए दी। कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘तीसरे चरण के परीक्षण परिणाम कुल आबादी में 28.6% तेजी से वायरस से ठीक होने की दर दिखाते हैं। अन्य दवाओं की तुलना में फेवीपिराविर से मरीज जल्दी ठीक हुए हैं।’ कंपनी का दावा है कि इस दवा से कोविड-19 के 40 प्रतिशत रोगी तेजी से रिकवर हुए हैं। कंपनी ने अपने बयान में कहा, क्लिनिकल ट्रायल में 40 प्रतिशत मरीज उसकी दवा से तेजी से रिकवर हुए हैं। उनके तापमान, ऑक्सीजन सैचुरेशन, श्वसन दर और खांसी के साथ फेवीपिराविर उपचार में क्लिनिकल ट्रायल के दौरान औसत समय में महत्वपूर्ण कमी देखी गई। फेवीपिराविर एक एंटीवायरल दवा है जो सार्स-कोव-2 वायरस के कारण होने वाली महामारी कोविड-19 का मुख्य कारण है। दवा के नतीजों को लेकर कंपनी का कहना है कि कि 69.8 प्रतिशत रोगियों ने अध्ययन के चौथे दिन 'क्लिनिकल इलाज' प्राप्त किया, जबकि समूह में 45 फीसदी का इलाज स्टैंडर्ड सपोर्टिव केयर के साथ किया गया था। भारत में सात क्लिनिकल साइट्स में 150 हल्के से मध्यम कोरोना रोगियों पर ट्रायल किया गया। ग्लेनमार्क में क्लिनिकल डेवलेपमेंट की प्रमुख और उपाध्यक्ष मोनिका टंडन ने कहा, 'हम परिणामों से प्रोत्साहित हैं। इनसे संकेत मिले हैं कि फेवीपिरावीर के शुरुआती उपचार से हल्के से मध्यम रोगियों के क्लिनिकल परिणामों में सुधार हो सकता है। यह रोगियों के तीव्र श्वसन सिंड्रोम और मृत्यु दर में प्रगति करने से रोक सकता है।' अध्ययन के प्रमुख जांचकर्ताओं में से एक डॉ. जरीर उडवाडिया ने कहा, ‘मुझे प्रारंभिक परिणामों को स्वतंत्र रूप से देखने का मौका मिला है और ये उत्साहजनक हैं। जिन मरीजों को फेवीपिरावीर दी गई थी क्लिनिकल इलाज के दौरान उनकी रिकवरी में तेजी दिखाई दी।’ वहीं दुनियाभर में कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन पर भी ट्रायल किए जा रहे हैं।#SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।