ABN :अबकी बार गणेश उत्सव के दौरान पीओपी की जगह मिट्टी से बनाए गए गणपति ही घर में विराजेंगे। इस बार शहर में न तो बड़े आकार की मूर्तियां बनाई जाएंगी, और न ही प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां। घर में स्थापित होने वाले गणेश जी की मूर्ति विशुद्ध मिट्टी की होगी। इसका उद्देश्य है कि अगर कोई चाहे तो गणेश जी का विसर्जन घर में ही कर सकें।यहीं वजह है कि गणपति की मूर्तियां बनाने वाले कलाकारों ने तैयारी तो शुरू कर दी है, पर यह कलाकार मूर्तियां सिर्फ तीन फुट तक ही बना रहे हैं। ज्यादातर मूर्तिकार प्रतिमाओं की लंबाई तीन फुट तक ही रख रहे हैं। वहीं, मूर्तिकारों की मानें तो गणेश उत्सव के दौरान बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना अबकी बार नहीं की जाएगी। इसी वजह से सभी जगह सिर्फ तीन फुट की मूर्तियां बनाई जा रही हैं।
जीरकपुर में गणेश जी की मूर्तियां बनाने वाले राजस्थान के मूर्तिकार फूलचंद ने बताया कि उन्होंने अपने नियमित ग्राहकों से प्रतिमाओं के लिए जब बात की तो ज्यादातर ने मिट्टी की मूर्तियां बनाने को ही कहा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण ऐसा हुआ है। गणेश उत्सव 22 अगस्त से होगा। पिछले साल 22 जुलाई तक उनके पास करीब एक हजार से ज्यादा मूर्तियां बनाने के ऑर्डर आ चुके थे लेकिन अबकी बार ऑर्डर अभी नहीं लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त से बुकिंग की शुरुआत की जाएगी। फूलचंद ने बताया कि पहले ज्यादातर मूर्तियां प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनाई जाती थीं। अबकी बार यह ट्रेंड चेंज किया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह है कि कुछ लोग गणपति विसर्जन घर पर ही करना चाहते हैं। इसी वजह से वह मिट्टी की मूर्तियों की मांग कर रहे हैं।
मूर्तिकार फूलचंद ने बताया कि अबकी बार मूर्तिकारों का लाखों रुपये का नुकसान होना तय है। इसकी वजह है कि बड़ी मूर्तियों की स्थापना नहीं होगी। छोटी मूर्तियों की भी कितनी मांग होगी है यह अभी तय नहीं है। इसी वजह से अबकी बार उन्होंने तीन हजार मूर्तियां ही बनवाई हैं। उन्होंने बताया कि यहां से हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के साथ जीरकपुर के लोग भी मूर्तियां लेकर जाते थे। इस बार इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है।#SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।