कोरोना की जंग में उतार दिए एमबीबीएस अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हरियाणा में अब एमबीबीएस अंतिम वर्ष पार्ट-वन के 1106 विद्यार्थी भी कोरोना के खिलाफ जंग लड़ेंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार ने 11 सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों के इन विद्यार्थियों को अस्पतालों में तैनात करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के 16 जून को जारी निर्देशों के अनुसार 22 जून से एमबीबीएस अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की तैनाती प्रदेश के अस्पतालों में शुरू हो जाएगी।चिकित्सा शिक्षा एवं शोध निदेशालय ने इस संबंध में सभी सिविल सर्जन और कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं। विद्यार्थियों की तैनाती अतिरिक्त मैनपावर के तौर पर की जाएगी। चूंकि, आने वाले समय में कोरोना के मामले और तेजी से बढ़ सकते हैं। सरकार कोरोना से प्रभावी तरीके से लड़ने व संक्रमितों को बेहतर इलाज प्रदान करने के लिए यह कदम उठाने जा रही है।जरूरत पढ़ने पर एमबीबीएस अंतिम पार्ट टू के विद्यार्थियों की भी सेवाएं ली जाएंगी। उन्हें कॉलेजों में कोविड से जुड़े इलाज की ट्रेनिंग देने को कहा गया है। पार्ट-वन के विद्यार्थियों को कॉलेजों के निदेशक व सिविल सर्जन इलाज से जुड़ी सारी बारीकियां समझाएंगे। उन्हें अस्पतालों में ही प्रशिक्षित किया जाएगा।अस्पतालों में तैनात किए जाने वाले विद्यार्थियों के रहने, खाने की व्यवस्था सिविल सर्जन करेंगे। अगर किसी की ड्यूटी गृह जिले में ही लगती है तो वह घर से आ-जा सकेगा। उसे स्वास्थ्य विभाग के कोरोना से जुड़े दिशा-निर्देश का पालन करना होगा। निदेशालय ने विद्यार्थियों का ड्यूटी रोस्टर व प्रशिक्षण शेड्यूल सभी सिविल सर्जन को भेज दिया है। उसके साथ विद्यार्थियों के नाम, फोन नंबर व पता भी है।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।