किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की बढ़ी मुसीबतें
सरकार के खिलाफ 3 कृषि क़ानूनों को रद्द करवाने के चलते पिछले लंबे समय से एकजुट होकर आंदोलन कर रहे संयुक्त मोर्चा की बैठक में किसानों में पहली बात फूट नजर आयी। रविवार को हुई मीटिंग में हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पर किसान आंदोलन को राजनीति का अड्डा बनाने , और राजनीतिक पार्टियों को बुलाने और दिल्ली में कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर 10 करोड़ रूपये लेने के गंभीर आरोप लगे है। बता दें कि आरोप था कि वह कांग्रेस टिकट के बदले हरियाणा सरकार को गिराने की डील भी कर रहे है। लेकिन गुरनाम सिंह चढूनी ने सिरे से सभी आरोपों को ख़ारिज कर दिया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा के बैठक में मोर्चा के सदस्य उन्हें मोर्चा से निकालना चाहते थे लेकिन आरोपों की जांच के लिए 5 सदस्य कमेटी बनाई गयी है जो 20 जनवरी को रिपोर्ट देगी। उसी के आधार पर आगे का फैसला लिया जायेगा।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।