किसान,मजदूर,दलित,व्यापारी वर्ग शिक्षित युवाओं किसी के लिए कुछ नहीं बजट में-निर्मल सिंह
हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के संस्थापक व पूर्व मंत्री निर्मल सिंह जी ने आज विधानसभा में पेश किए गए हरियाणा बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहां की बचत पूर्व रूप से किसान मजदूर दलित व्यापारी शिक्षित आदि के विरुद्ध है ग्रामीण क्षेत्र में रजिस्ट्री पर स्टाम्प ड्यूटी की दर भी महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत से बड़ा कर 5 प्रतिशत कर दिया गया और पुरुषों के लिए 5 प्रतिशत से बढकर 7 प्रतिशत कर दिया और कहा गया कि जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ नही डाला गया।
उन्होंने कहा कि बजट में अम्बाला जिले की पूर्ण रूप से अनदेखी की गई है खासकर युवाओं के लिए बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया बजट में महंगाई को बढ़ावा देने का काम किया गया बजट में शिक्षा के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया गया।बजट को जीरो करार देते हुए उन्होंने कहा की कर्ज के बोझ तले पहले से ही दबी अर्थव्यवस्था में कई करोड़ का अतिरिक्त कर्ज चढ़ाना कहा कि अक्लमंदी है।
सरकार द्वारा जारी किए गए बजट से साबित हो गया है कि सरकार ने गरीब व आम आदमी को पूरी तरह ख़तम करने की योजना बना ली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का बजट पूर्ण रूप से प्रदेश के हित में नहीं है
उन्होंने कहा कि बजट में सिर्फ आंकड़ों का खेल खेला है और वे ये बताने में असफल रहे कि पिछली बार ग्रामीण, कृषि,स्वास्थ्य,शिक्षा और उद्योग के लिए जारी किये गए बजट में से कितनी योजनाएं पूरी हुई। बजट से किसान मजदूर वर्ग में मायूसी छाई है।
निर्मल सिंह जी ने भाजपा सरकार से कहा जो घोषणाऐ सी एम द्वारा की गई है प्रदेश मे पहले उनको पुरा करे सी एम ने अनेको घोषणाऐ की लेकिन उनमे से 10%भी घोषणाऐ पूरी नहीं हो पाई है ऐसा लगता है कि खटटर सरकार मात्र घोषणाओं तक ही सिमित रहे गयी है।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।