एचएसईबी वर्कर्स यूनियन ने बिजली बिल संशोधन के विरोध में किया रोष प्रदर्शन
देवी प्रसाद भट्ट ने बताया की एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के प्रांतीय प्रधान बिजेंद्र बेनीवाल महासचिव एवं हाई पावर कमेटी के आह्वान पर केंद्र सरकार के बिजली बिल संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में हरियाणा प्रदेश के सभी उपमंडल कार्यालयो पर इस बिल के विरोध में प्रदेश के हजारों कर्मचारियों ने पूरे हरियाणा प्रदेश में रोष प्रदर्शन के माध्यम से अपनी नाराजगी व्यक्त की इस अवसर पर प्रदेश महासचिव सुनील खटाना ने कहाँ कि कोरोना की आड़ में सरकार कर्मचारियों को प्रताड़ित करने निजीकरण को बढ़ावा देने का काम कर रही है। आज सरकार आम जनमानस के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने का काम कर रही है। एक तरफ कोरोना काल में बिजली कर्मचारियों ने अपनी जान को जोखिम मे डाल कर पूरे प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति की इसके बावजूद सरकार मानसून सत्र में बिजली बिल संशोधन 2021 लाकर कर्मचारियों को निजी हाथों में सौपने की तैयारी कर रही हैं। एचएसईबी वर्कर्स यूनियन इसका पुरजोर विरोध करती है आज केंद्र की सरकार जनता व कर्मचारियों से किए गए अपने वादों के विपरीत कार्य कर रही है। एक तरफ सरकार प्रतिवर्ष दो करोड़ बेरोजगार लोगों को स्थाई रोजगार देने की बात करती थी। आज सरकार विभागों का पूरी तरह से निजीकरण करने पर उतारू है। बिजली आज हर वर्ग की जरूरत बन चुकी है। आज बिजली के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। घर-घर तक सस्ती व वहनीय दरों पर बिजली पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए व आम जनमानस व्यवसायी व किसान को उसका लाभ मिलना चाहिए। आज 2 वर्ष से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी हरियाणा सरकार की कैशलेस मेडिकल सुविधा बिजली विभाग में लागू नहीं की गई। साथ ही डेढ़ साल से कर्मचारियों का डीए का एरियर सरकार ने जारी नहीं किया इसके साथ ही पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। विभाग में हजारों पद खाली पड़े हैं कच्चे कर्मचारियों को अनुभव के आधार पर पक्का किया जाना चाहिए विभाग से ठेकेदारी प्रथा पूरी तरह समाप्त होनी चाहिए। साथ ही समान काम के लिए समान वेतन सभी कर्मचारियों को इंटर यूटिलिटी ट्रांसफर का लाभ ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को वापस लेना सभी बिजली कर्मचारियों को रिस्क एलाउंस सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने ने इस बिल की कड़े शब्दों में निंदा की वह कहा कि आगामी समय में एचएसईबी वर्कर्स यूनियन सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई है। वह अनिश्चितकालीन हड़ताल करने से भी पीछे नहीं हटेगी। समय रहते सरकार कर्मचारियों की समस्याओं पर संज्ञान ले साथ ही कर्मचारी वर्ग से किए गए अपने वादों को शीघ्र पूरा करें।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।