लॉकडाउन के कारण हवा-पानी तो काफी हद तक साफ हो गए हैं , लेकिन कोरोना से बचने की शर्त पर हम इंसान अपनी हरकतों से नदी-तालाबों और समुद्रों के लिए नया खतरा पैदा कर रहे हैं। महामारी के कारण वन टाइम यूज मास्क, पीपीई, ग्लव्स और सैनेटाइजर की खपत रिकॉर्ड तोड़ रही है। लेकिन, इस्तेमाल के बाद लोग इन्हें ठीक से डस्टबिन में डिस्पोज ऑफ नहीं कर रहे हैं , इस्तेमाल करने के बाद कहीं भी फेंक दे रहे हैं।
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इस्तेमाल किए मास्क-ग्लव्स, पीपीई और सैनिटाइजर्स की बोतलों के कचरे के कारण बढ़ रहा है प्रदूषण
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।