अंबाला। चितकारा विश्वविद्यालय से एमबीए के छात्रों ने इद्रीश फाउंडेशन से अपने कॉलेज के फ़ील्ड वर्क और प्रोजेक्ट्स के लिए इंटर्नशिप की। उन छात्रों को इंटर्नशिप समाप्त होने के उपलक्ष्य में प्रमाणपत्र वितरित कर सम्मानित किया गया। इसमें छात्र सिमरजीत कौर, सुखप्रीत कौर, हरमंजोत कौर, विशवजीत सिंह, भान्वी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया व प्रतिदिन की कक्षा लगा विभिन्न गतिविधियां करवाई। संस्था की फाउंडर नेहा प्रवीण ने बताया कि यह एक नई शुरुआत है जब इंटर्न्स के साथ काम करके हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है और कॉलेज की यह पहल बहुत ही सराहनीय है। जिससे कि कॉलेज के बच्चे अपने फ़ील्ड वर्क करने के लिए एनजीओ या समाज सेवा से जुड़ते हैं और अपने अंदर एक सवेदना को जगा पाते हैं जो कि उनके भविष्य के लिए भी बहुत जरूरी है। इद्रीश फाउंडेशन लगभग 7 वर्षों से अंबाला में काम कर रहा है। जिसके तहत हमारे 3 प्रोजेक्ट्स जो मुख्य चल रहे हैं। उसी के तहत हर साल कॉलेज से एमबीए, एमएसडब्ल्यू, बीएसडब्ल्यू या पेशेवर डिग्री करने वाले छात्र हमारे साथ जुड़ते हैं और बच्चों को पढ़ाने से लेकर अलग-अलग तरीकों से संबंध में अपना इंटर्नशिप प्रोग्राम पूरा करते हैं। इंस्पेक्शन ऑफिसर अंकित रोहिला ने बताया कि जब उन्होंने बच्चों को इंटर्नशिप प्रोग्राम के बारे में बताया कि उन्हें यहां फाउंडेशन में काम करना पड़ेगा तब जाकर उन्हें सर्टिफिकेट मिलेगा। उस समय बच्चे थोड़ा सोच में पड़ गए थे क्योंकि कई जगह एनजीओ में बच्चों को बिना वर्क के ही सर्टिफिकेट दे दिया जाता है। जिससे कि बच्चे धरातल से जुड़ कर काम नहीं कर पाते हैं और कॉलेज में इंटर्नशिप प्रोग्राम देने का मकसद ही यही होता है कि बच्चों को ज़मीनी तौर पर काम करना सिखाया जाए। उन्हें सोशल वर्क से जोड़ा जाए। अंकित रोहिला ने इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के दौरान बेहतरीन लीडरशिप दिखाते हुए हर इंटर्न को ज़मीनी तौर पर बच्चों से जोड़ा वा उन्हें बताया कि आपको सर्टिफिकेट एर्न करना पड़ेगा, बच्चो ने भी बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए पूरी लगन से सेवा भावना के साथ इंटर्नशिप प्रोग्राम को किया और आज सर्टिफिकेट को हासिल किया। इस दौरान संस्था के सभी वॉलंटियर, अभिषेक, नेहा, नीलिमा मौजूद रहे।
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इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को वितरित किए प्रमाणपत्र
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।