आपात ड्यूटी दे रहे कोरोना योद्धाओं ने खोला मोर्चा
हरियाणा में कोरोना वायरस की रोकथाम के बीच इमरजेंसी ड्यूटी देने वाले हजारों कर्मचारियों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश के करीब 40 हजार कर्मचारियों ने साझा मोर्चा बनाकर आंदोलन का बिगुल बजाया है। कोरोना योद्धा कहलाने वाले एनएचएम, ठेका कर्मचारी व आशा वर्कर 25 जून को सभी पीएचसी, सीएचसी, सामान्य अस्पताल, पीजीआई व मेडिकल कॉलेजों में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे।आंदोलन के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने समस्याओं के समाधान की दिशा में रुचि नहीं दिखाई तो अगले बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी। इस साझा मोर्चे में विभाग में वर्षों से कार्यरत ठेका कर्मचारी, एनएचएम में कार्यरत डाक्टर, नर्स, एएनएम सहित अन्य पदों पर तैनात स्टाफ और आशा वर्कर शामिल हैं। आंदोलन का यह निर्णय सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक में लिया गया है।बैठक में विभाग में वर्षों से कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य पदों पर कार्यरत 11 हजार ठेका कर्मचारियों की 30 सितंबर को छंटनी करने, एनएचएम स्टाफ के अनुबंध नवीनीकरण में कोविड 19 के दौरान भी अनावश्यक शर्त लगाने, एनएचएम कर्मचारियों की 35 दिन की हड़ताल अवधि का वेतन जारी न करने व आशा वर्कर्स को उनके फिक्स मानदेय का डबल वेतन जोखिम भत्ते के तौर पर न देने की आलोचना की गई। बैठक में पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के अभाव में कोरोना योद्धाओं के संक्रमित होने पर गहरी चिंता जताई गई और आवश्यक सुरक्षा उपकरण देने की मांग भी की गई।लांबा ने कहा कि विभाग से 3200 सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारियों सहित अन्य पदों पर लगे करीब 11 हजार ठेका कर्मचारियों को 30 सितंबर को नौकरी से निकालने का फैसला किया जा चुका है।
कर्मचारी संघ के महासचिव सतीश सेठी,आशा वर्कर यूनियन की राज्य प्रधान प्रवेश कुमारी व महासचिव सुरेखा ने बताया कि आशा वर्कर्स को उनके फिक्स मानदेय का डबल वेतन जोखिम भत्ते के तौर पर नहीं दिया जा रहा है। काटा गया 50 प्रतिशत का भुगतान नहीं हुआ है। सुभाष लांबा ने बताया कि विभाग ठेकेदारों को बीच से हटकर ठेका कर्मचारियों को सीधे विभाग के पे रोल पर करने, सेवा सुरक्षा प्रदान कर 24 हजार रुपये न्यूनतम मासिक वेतन देने की बजाय 30 सितंबर को 11 हजार ठेका कर्मचारियों को नौकरी से हटाने पर आमादा है।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।